आज के समय में अधिकतर छात्र-छात्राएं सेंट्रल स्कूल टीचर के रूप में करियर बनाना चाहते हैं. केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक के तौर पर करियर बनाने के लिए सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET Exam) के लिए आवेदन करते हैं और सीटेट एग्जाम में शामिल होना चाहते हैं. सीटेट एग्जाम उत्तीर्ण करके प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक बन सकते हैं. प्राइमरी टीचर बनने के लिए CTET Paper I को क्लियर करना होगा. यह जानने के बाद आप सोच रहे होंगे कि CTET ka Syllabus Kya Hai? सीटेट पेपर I में किस तरह का प्रश्न होता है? CTET Syllabus Paper 1 in Hindi
तो आज हम जानेंगे CTET Syllabus in Hindi के बारे में. सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट में दो पेपर होते हैं, पेपर I और पेपर II. प्रथम पेपर कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों के लिए होता है और द्वितीय पेपर कक्षा छः से आठ तक के शिक्षकों के लिए होता है. यदि आप कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने में रूचि रखते हैं, तो आपको CTET Paper I के लिए आवेदन करना होगा. प्रथम पेपर उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक के रूप में करियर बना सकते हैं.
अगर आप सीटेट पेपर I का एग्जाम देना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि CTET Paper I ka Syllabus Kya Hai? सीटेट का एग्जाम पैटर्न क्या है? तो आप यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़ें.
CTET Syllabus in Hindi
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में दो पेपर होते हैं, पेपर I, और II.कक्षा 1से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने में रूचि रखने वाले उम्मीदवारों को सीटेट पेपर I का एग्जाम उत्तीर्ण करना होता है. और कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाने में रूचि रखने वाले अभ्यर्थियों को paper II देना होगा. दोनों पेपर में 150-150 प्रश्न होते हैं, कुल 150-150 अंकों का . दोनों पेपर में बहुविकल्पीय प्रश्न होते है.
CTET Exam Pattern Paper 1
सीटेट पेपर 1 में कुल पांच विषय से प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रत्येक विषय से 30 प्रश्न पूछे जाते हैं, कुल मिलाकर 150 प्रश्न होते हैं. प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित होता है. प्रश्नों को हल करने के लिए कुल 150 मिनट का समय दिया जाता है.
- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy)
- भाषा – I (अनिवार्य ) (Language-I)
- भाषा-II (अनिवार्य ) (Language-II)
- गणित (Mathematics)
- पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies)
CTET Syllabus Paper 1 in Hindi
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy)
- बच्चों के विकास के सिद्धांत
- आनुवंशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- बाल केन्द्रित और प्रगतिशील शिक्षा की अवधारण
- समाजीकरण प्रक्रिया
- कोह्ल्बर्ग, वायगोत्स्की का सिद्धांत
- लैंगिक पूर्वाग्रह और शैक्षिक अभ्यास
- भाषा और विचार
- सतत और व्यापक मूल्यांकन
- विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को समावेशी शिक्षा और समझ की अवधारणा
- विविध पृष्ठभूमि वाले शिक्षार्थियों को एक साथ समझना
- अधिगम और शिक्षाशास्त्र
- बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं
- शिक्षण और सीखने की बुनियादी प्रक्रियाएं
- बच्चों में सीखने की वैकल्पिक अवधारणा, त्रुटियों को समझना
- समस्या समाधान
- प्रेरणा और सीखना
- अनुभूति और भावनाएं
भाषा- I (Language-I) अनिवार्य
- भाषा की समझ, भाषा विकास एवं शिक्षण
- सीखना और अधिग्रहण
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- भाषा कौशल, भाषा की समझ और दक्षता का मूल्यांकन
- शिक्षण सामग्री
- उपचारात्मक शिक्षण
भाषा-II (Language-II) अनिवार्य भाषा
- कॉम्प्रिहेंशन: अपठित गद्यांश, पद्यांश
- भाषा विकास का शिक्षण
- सीखना और अधिग्रहण
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका
- भाषा कठिनाइयों, त्रुटियों और विकारों को समझना
- भाषा कौशल
- शिक्षण अधिगम सामग्री
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण
गणित (Mathematics)
- गणित की प्रकृति को समझना
- शिक्षण अधिगम सामग्री
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- शिक्षण की समस्याएँ
- औपचरिक और अनौपचारिक मूल्यांकन
- नैदानिक और उपचारात्मक शिक्षण
- संख्या पद्धति
- ज्यामिति: आकार और स्थानिक समझ
- जोड़, घटाव, गुणा और भाग
- वजन: नाप-तौल
- समय और कार्य
- आयतन
- आंकड़ों का संग्रहण
- मूल्य
- पैटर्न
पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies)
- पर्यावरण अध्ययन की प्रकृति और अवधारणा एवं महत्व
- शिक्षण अधिगम सिद्धांत
- पर्यावरण अध्ययन और शिक्षा
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में सम्बन्ध
- अवधारणाओं, क्रियाओं को पेश करने के दृष्टिकोण
- व्यवहारिक कार्य
- चर्चा
- शिक्षण अधिगम सामग्री
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन
- समस्या समाधान
- परिवार और दोस्त
- सम्बन्ध
- चीजे हम बनाते हैं और करते हैं
- पेड़-पौधे
- पशु-पक्षी
- भोजन
- जल
- आवास
- यात्रा
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