आपमें से काफी लोग प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में पीसीएस अधिकारी के रूप में करियर बनाने का लक्ष्य रखते होंगें. पीसीएस अधिकारी का पद प्राप्त करने के लिए PCS Exam अच्छे अंकों में उत्तीर्ण करना पड़ता है. राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सिलेबस के अनुसार तैयारी करना होगा, क्योंकि सिविल सेवा परीक्षा काफी कठिन होता है. यह जानने के बाद आप सभी सोच रहे होंगे कि PCS ka Syllabus Kya Hai? पीसीएस एग्जाम में किन विषयों के प्रश्न होते हैं? पीसीएस का एग्जाम पैटर्न क्या है?
तो आज मैं आपसे इसी के बारे में बात करने जा रही हूँ कि PCS Exam ka Syllabus Kya Hai? प्रोविंशियल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन राज्य स्तर पर राज्य लोक सेवा आयोग तीन चरणों में करता है. इसमें समान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन, राजनीती, इतिहास, अर्थव्यवस्था और वर्त्तमान काल में में घटित होने वाली घटनाओं (करंट अफेयर्स) के प्रश्न होते हैं. वर्त्तमान प्रतियोगित के युग में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करना इतना आसान नहीं है. लाखों अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से गिने-चुने सौ अभ्यर्थी ही एग्जाम क्लियर कर पाते हैं. परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सिलेबस के आधार पर मेहनत और लगन के साथ तैयारी करना होता है.
अगर आप पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं और जानना चाहते हैं कि PCS ka Syllabus Kya Hai? पीसीएस का एग्जाम पैटर्न क्या होता है? तो आप यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़ें?
PCS Kya Hota Hai?
पीसीएस का पूरा नाम प्रोविंशियल सिविल सर्विस होता है. इसे प्रांतीय सिविल सेवा भी कहा जाता है. यह किसी एक प्रान्त/ राज्य सिविल सेवा होता है. Provincial Civil Service पद राज्य सरकार के अंतर्गत होता है. राज्य स्तर पर राज्य सरकार इनकी नियुक्ति करती है. पीसीएस अधिकारी का स्थानान्तरण (Transfer) दुसरे राज्य में नहीं किया जाता है. PCS के अंतर्गत एसडीम, बीडीओ, डीएसपी, एआरटीओ जैसे कई अन्य उच्च पद होते हैं. राज्य स्तर पर राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) पीसीएस एग्जाम का आयोजन करती है.
PCS ka Exam Pattern Kya Hota Hai?
पीसीएस एग्जाम का आयोजन तीन चरणों में होता है. प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार. prelims और mains लिखित परीक्षा होता है. वहीँ साक्षात्कार एक पर्सनल इंटरव्यू होता है.
प्रारंभिक परीक्षा
- इसमें कुल दो पेपर होते हैं, Paper 1 (सामान्य अध्ययन-I) और paper 2 (सामान्य अध्ययन-II CSAT)
- पेपर-1 में कुल 150 प्रश्न होते हैं, कुल 200 अंकों का. प्रश्नों को हल हल करने के लिए 2घंटे का समय निर्धारित होता है.
- Paper-2 (General studies-II) में कुल 200 अंकों का 100 प्रश्न होता है, प्रश्नों को हल करने के लिए 2 घंटे का समय निर्धारित होता है.
- प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न (Objective type) होते हैं.
- प्रेलिमिनरी एग्जाम का पेपर 2 Qualifying Paper होता है. सामान्य अध्ययन-II में कुल 33%अंक हासिल करना पड़ता है.
- क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा के पेपर 2 का अंक मेरिट में जुड़ता है.
मुख्य परीक्षा
- मैन्स एग्जाम में कुल 8 पेपर होते हैं, Paper 1 (जनरल हिंदी), Paper II (निबंध) बाकी के चार पेपर General Studies (Paper I/II/III/IV) के होते हैं.
- और अन्य दो (7, 8) पेपर Optional Paper होते हैं, (वैकल्पिक विषय -paper I & II)
- जनरल हिंदी, निबंध (Paper 1 & 2) में कुल 150-150 अंकों का प्रश्न होता है.
- General studies-I, II, III, IV और वैकल्पिक पेपर (Optional Paper I / II) में कुल 200-200 अंकों का प्रश्न होता है.
- मुख्य परीक्षा में व्याख्यात्मक प्रश्न (Descriptive Question) होते हैं, प्रत्येक प्रश्न पत्र को हल करने के लिए 3 घंटे का समय निर्धारित होता है.
- इस परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने होते हैं क्योंकि मुख्य परीक्षा के अंकों के आधार Merit बनता है.
साक्षात्कार- पीसीएस में कुल 100 अंकों का इंटरव्यू होता है. यह एक पर्सनलटी टेस्ट होता है, इसमें अभ्यर्थी की व्यक्तित्व का परिक्षण किया जाता है.
PCS ka Syllabus Kya Hai?
Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा)
पेपर 1 (जनरल स्टडीज-I)
- राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएं
- भारतीय राजनीति और शासन
- सामाजिक और आर्थिक विकास
- भारतीय इतिहास और राष्ट्रीय आन्दोलन
- भारत और विश्व का भूगोल
- प्राचीन भारतीय और आधुनिक भारत का इतिहास
- भारतीय संविधान
पेपर 2 (जनरल स्टडीज-II)
- कॉम्प्रिहेंशन
- सामान्य तर्कशक्ति का अध्ययन
- विश्लेषणात्मक क्षमता और तार्किक तर्क
- समस्या को हल करना और निर्णय लेना
- सामान्य हिंदी
- सामान्य अंग्रेजी
- मानसिक क्षमता
- प्राथमिक स्तर का गणित: अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और सांख्यिकी
Mains Exam (मुख्य परीक्षा)
पेपर 1 (सामान्य हिंदी)
- दिए गए गद्यांश का अवबोध और प्रश्नोत्तर
- संक्षेपण
- शब्द ज्ञान एवं प्रयोग
- उपसर्ग एवं प्रत्यय
- विलोम शब्द
- वाक्यांश के लिए एकशब्द
- वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि
- सरकारी एवं अर्ध-सरकारी पत्र लेखन, तार लेखन
- लोकोक्ति एवं मुहावरे
पेपर 2 (निबंध)
- साहित्य एवं संस्कृति
- सामाजिक क्षेत्र, राजनितिक क्षेत्र
- विज्ञान, पर्यावरण और तकनीक
- आर्थिक क्षेत्र, कृषि, उद्योग और व्यापार
- राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय घटना
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पेपर 3 (जनरल स्टडीज-I)
- भारतीय संस्कृति प्राचीन काल का इतिहास, आधुनिक कला और साहित्य एवं वास्तुकला
- आधुनिक भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
- स्वतंत्रता संग्राम
- भारतीय स्वतंत्रता के बाद का एकीकरण और पुर्नगठन (1965)
- भारतीय समाज और संस्कृति की विशेषताएं
- विश्व के इतिहास में 18वीं शताब्दी से 20वीं सदी के मध्य तक की घटनाएं, जैसे 1789 की फ्रांसीसी क्रांति, औद्योगिक क्रांति, विश्व-युद्ध, नाजीवाद, फासीवाद
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अर्थ और अर्थव्यवस्था
- समाज और महिलाओं के संगठन, जनसँख्या से सम्बंधित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक मुद्दे
- सामाजिक सशक्तिकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षवाद
- विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण
- भौतिक भूगोल की विशेषताएँ: भूकंप, सुनामी, चक्रवात, ज्वालामुखी, महासागरीय तूफान
पेपर 4 (जनरल स्टडीज-II)
- भारतीय संविधान: एतिहासिक आधार, विकास, आधार संरचना, मूल प्रावधानों के विकास में सर्वोच्च न्यायलय की भूमिका
- संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियां
- शक्तियों का पृथक्करण
- केंद्र में वित्त आयोग की भूमिका
- संसद और राज्य विधानसभाएँ: संरचना, कामकाज, व्यावसाय का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली
- विकास की प्रक्रियाएं- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, की भूमिका
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव से सम्बंधित सेवाओं के विकास, गरीबी और भूख से सम्बंधित मुद्दे
- भारत का पडोसी देश के साथ सम्बन्ध
- लोकतंत्र में सिविल सेवा की भूमिका
- राज्य, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय महत्त्व के वर्त्तमान मामले और घटनाएं
पेपर 5 (जनरल स्टडीज-III)
- भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य और उपलब्धियाँ, नीति आयोग की भूमिका, सतत विकास के लक्ष्यों का उद्देश्य
- गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास के मुद्दे
- सरकारी बजट और वित्तीय प्रणाली
- वैश्वीकरण तथा उदारीकरण का भारत में प्रभाव, औद्योगिकी नीति में परिवर्तन एवं औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव
- आधारभूत संरचना : सड़क, हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे आदि
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण और उससे सम्बंधित उद्योग – कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- स्वतंत्रता के बाद भारत में भूमि सुधार.
- विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी का विकास एवं अनुप्रयोग
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी: अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी, ऊर्जा स्रोतों, कंप्यूटर, बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बंधित मुद्दे
- प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भण्डारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीकी
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली
- कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन आदि मुद्दे
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां: परमाणु प्रसार के मुद्दे, संचार नेटवर्क, मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग की भूमिका
- सुरक्षा बलों की भूमिका, भारत का उच्च रक्षा संगठन
- भारत की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां: आतंकवाद, भ्रष्टाचार, उग्रवाद और अपराध
पेपर 6 (जनरल स्टडीज-IV)
- एथिक्स और ह्यूमन इंटरफ़ेस: मानवीय क्रिया में नैतिकता के सार, निर्धारक तत्व और परिणाम, नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता
- मानवीय मूल्यों-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षा, मूल्यों को बढ़ाने में परिवार, समाज और शैक्षिक संस्थानों की भूमिका
- अभिवृत्ति: संरचना, कार्य, इसका प्रभाव और विचार और व्यवहार, नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण, सामाजिक प्रभाव, सिविल सेवा, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवाओं के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति
- इमोशनल इंटेलिजेंस: अवधारणा और आयाम, प्रशासन और शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग
- भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान
- सिविल सेवा और लोक प्रशासन में नैतिकता
- सरकारी और निजी संस्थानों की स्थिति और समस्याएं, नैतिक चिंताएं और दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन,
- शासन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे
- लोक सेवा की अवधारणा, शासन और दार्शनिकता का दार्शनिक आधार
- सूचना का अधिकार, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक निधियों का उपयोग
पेपर 7 और 8 (वैकल्पिक विषय-I, II)
मुख्य परीक्षा के Optional Paper में कई सब्जेक्ट होते हैं, उनमें से किसी एक विषय का पेपर देना होता है.
- कृषि,
- रसायन विज्ञान, भौतिकी विज्ञान, प्राणी विज्ञान
- गणित
- भूगोल, नागरिकशास्त्र, अर्थशास्त्र
- दर्शनशास्त्र, भूगर्भ-शास्त्र
- मनोविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान
- कानून
- पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान
- सांख्यिकी, प्रबंधन
- राजनिति विज्ञान, इतिहास
- चिकित्सा विज्ञान
Interview (साक्षात्कार)
इसमें bio-data और सामान्य ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आत्मविश्वास (Self Confidence) के साथ के प्रश्नों का उत्तर अच्छे से देना होता है.
PCS ka Syllabus Kya Hai?
तो, यही है PCS ka Exam Pattern. हमें आशा है कि आपको यह आर्टिकल PCS Kya Hota Hai? अच्छा लगा होगा. और अब आपको अच्छे से पता भी चल गया होगा कि PCS Exam ka Syllabus Kya Hai? पीसीएस एग्जाम में किन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं.
इससे सम्बंधित अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई भी सवाल हो, तो आप हमें निचे comment कर जरुर बताएं.
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