शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या है? Right to Education Act (RTE) in Hindi

नमस्कार दोस्तों! naukriejob.com में आपका स्वागत है. आज मैं आपसे Shiksha ka Adhikar Adhiniyam ki Visheshta के बारे में बात करने जा रही हूँ. शिक्षा किसी भी राष्ट्र और राज्य की उन्नति में अहम् भूमिका निभाती है. शिक्षा से गरीबी और बेरोजगारी कम होता है. प्रत्येक बच्चे को शिक्षा उपलब्ध हो, इस कारण भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित किया है.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 6-14 वर्ष के हर बच्चे को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान करता है. गरीब-अमीर सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के लिए वर्ष 2009 में भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया. लेकिन यह अधिनियम पुरे देश में अप्रैल 2010 में लागु किया गया. अगर आप शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बारे में ज्ञान होना चाहिए.

तो आज मैं आपसे RTE Act Kya Hai? के बारे में बात करने जा रही हूँ. अगर आप भी जानना चाहते हैं Shiksha ka Adhikar Adhiniyam ki Visheshta के बारे में. तो आप यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़ें.

Shiksha ka Adhikar Adhiniyam Kya Hai?

दोस्तों, सबसे पहले हम बात करेंगे कि 6 से 14 आयु वर्ष के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया गया है. ताकि देश के सभी बच्चे प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर सकें और भविष्य में अपना करियर अच्छा बना सकें.आज के बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं, अगर आज बच्चे को शिक्षा नहीं मिलेगा. तो भविष्य में देश का विकास कैसे होगा.

इसलिए सरकार ने सभी बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा देने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act 2009) लागु किया.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागु हुआ? 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम Right to Education Act (RTE) वर्ष 2009 में बनाया गया था. लेकिन पुरे देश में इस कानून को लगभग एक वर्ष के बाद लागु किया गया था. आरटीइ एक्ट को सम्पूर्ण भारत देश में अप्रैल 2010 को लागु किया गया.

Shiksha ka Adhikar Adhiniyam 2009 ki Visheshta 

RTE Act क्या है? ये जानने के बाद आपके मन में एक सवाल होगा कि RTE Act 2009 ki Visheshta Kya Hai?

  • 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा पाने का अधिकार होगा.
  • ऐसे बच्चे जो 6-14 आयु वर्ग के हैं और अशिक्षित व विद्यालय में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं.
  • वैसे बालकों को चिन्हित करने का कार्य विद्यालय प्रबधन समिति और स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा.
  • प्रंबधन समिति और स्थानीय निकाय ही बालकों के चिन्हांकन के लिए घर-घर में सर्वेक्षण करेगा.
  • परिवार स्तर पर सर्वेक्षण करने से प्राथमिक शिक्षा से वंचित बालकों को ढूंढने में आसानी होगा.
  • प्रत्येक निजी विद्यालय में 2% स्थान कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित किये जायेगें.
  • इन बच्चों से वही फीस लिया जायेगा, जो सरकारी विद्यालय के छात्रों से लिया जाता है.
  • निजी स्कूलों में पहली कक्षा में नामांकन के दौरान 25% सीटें कमजोर वर्ग के बालकों के लिए आरक्षित होगी.
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को न स्कूल फीस देनी होगी, न स्कूल ड्रेस खरीदना होगा, न ही पुस्तकें खरीदनी होगी.
  • सरकार पुस्तकें, यूनिफार्म और मिड डे मिल मुफ्त में मुहैया करेगी.
  • विद्यार्थियों को न तो अगली कक्षा में जाने से रोका जायेगा, न निकाला जायेगा और न ही बोर्ड एग्जाम पास करना अनिवार्य होगा.
  • कोई भी स्कूल बच्चों का नामांकन नहीं लेने से इंकार नहीं कर सकेगा.

इसे भी पढ़ें: NCF 2005 Kya Hai? NCF 2005 ka Siddhant 

नियम: Shiksha ka Adhikar Adhiniyam ke Uddeshy

  • 6-14 वर्ष के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना.
  • छः वर्ष के सभी बच्चों का नामांकन करवाना.
  • कक्षा 1-8 तक की शिक्षा को ‘प्राथमिक शिक्षा‘ के रूप में परिभाषित करना.
  • प्राथमिक शिक्षा पूरा होने से पहले किसी भी बच्चे को कक्षा में रोका नहीं जाए.
  • बच्चे को कक्षा 8 तक किसी भी कक्षा में फेल/अनुत्तीर्ण न किया जाए.
  • कक्षा एक से आठ तक की प्राथमिक शिक्षा पूरा करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र दिया जाए.
  • अगर किसी बच्चे की उम्र 6 वर्ष से अधिक है और वह बच्चा स्कूल नहीं जाता है या उसका नामांकन नहीं हुआ है.
  • तो उस बच्चे का नामांकन उम्र के अनुसार उचित कक्षा में किया जाए.
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 बच्चे को शारीरिक दंड या मानसिक दंड देने का प्रावधान नहीं करता है.
  • कोई भी सरकारी शिक्षक या शिक्षिका निजी शिक्षण संस्थान खोलकर, निजी शिक्षण गतिविधि नहीं कर सकता है.
  • आरटीइ एक्ट के अंतर्गत विद्यालय में शिक्षक-छात्र का अनुपात 1:30 है. एक शिक्षक पर 30 विद्यार्थी हो.
  • विद्यालयों में लड़कियों और लड़कों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था हो.
  • आवश्यक दस्तावेज की वजह से किसी भी बच्चे को विद्यालय में प्रवेश से न रोका जाए.
  • स्कूल में नामांकन के लिए बच्चे का प्रवेश परीक्षा नहीं लिया जाए.

निष्कर्ष: Shiksha ka Adhikar Adhiniyam Kya Hai? 

तो दोस्तों, यही है RTE Act 2009 के बारे में. हमें आशा है कि आपको यह आर्टिकल Shiksha ka Adhikar Adhiniyam 2009 Kya Hai? अच्छा लगा होगा. और अब आपको अच्छे से समझ में भी आ गया होगा Shiksha ka Adhikar Adhiniyam 2009 ki Visheshta के बारे में. और शिक्षा का अधिकार अधिनियम  कब लागु हुआ के बारे में.

इससे सम्बंधित अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई भी सवाल हो, तो आप हमें निचे comment कर जरुर बताएं. अगर आप इसी तरह के और भी Educational Blogs in Hindi पढना चाहते हैं, तो आप हमें follow कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: सर्व शिक्षा अभियान क्या है? सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य 

2 thoughts on “शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या है? Right to Education Act (RTE) in Hindi”

  1. इसमे बहुत सारे अच्छी इन्फॉर्मेशन दे गई जो युजफुल रहेगी ब्लॉग बहुत पसंद आ गया.Thank you so much

    Reply

Leave a Comment

error: Content is protected !!